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राजयोग (Raja Yoga) – सफलता और समृद्धि देने वाला विशेष ज्योतिषीय योग

राजयोग एक विशेष ज्योतिषीय योग है, जो व्यक्ति को उच्च पद, प्रतिष्ठा, धन और सफलता प्रदान करता है। यह केंद्र और त्रिकोण भावों के शुभ ग्रहों के मेल से बनता है। प्रमुख राजयोगों में गजकेसरी योग, पंच महापुरुष योग, बुधादित्य योग और लक्ष्मी योग शामिल हैं। मजबूत राजयोग व्यक्ति को प्रशासन, राजनीति और व्यापार में सफलता दिलाता है, जबकि कमजोर योग संघर्ष बढ़ा सकता है। कुंडली का विश्लेषण कर उचित उपाय किए जा सकते हैं।

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कमजोर चंद्रमा को कैसे मजबूत करें?

चंद्रमा कमजोर होने पर मन अशांत, अनिश्चित और संवेदनशील हो सकता है। यदि यह मंगल, राहु, शनि या केतु से पीड़ित है, तो विशेष उपाय करने चाहिए। ध्यान, योग, शिव पूजा, सकारात्मक संगति और आत्मसंयम चंद्रमा को मजबूत कर सकते हैं। शनि और बृहस्पति की पूजा भी लाभदायक होती है। अंततः, मानसिक परिपक्वता, ज्ञान और अनुशासन विकसित करके ही चंद्रमा की वास्तविक मजबूती प्राप्त की जा सकती है।

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मारकेश ज्योतिष शास्त्र में और उसके निवारण के उपाय

मारकेश ग्रह भले ही अशुभ संकेत दे, लेकिन उचित उपायों से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। महामृत्युंजय मंत्र जाप, दान, हवन, पूजा और सकारात्मक जीवनशैली अपनाने से जीवन में शांति और सुरक्षा बनी रहती है।

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Discovery of a Three-Story Structure Beneath Somnath Temple

In 2020, GPR technology revealed a hidden three-story structure beneath Somnath Temple. The L-shaped structure, dating back to the 11th century, features two temples (Shiva and Durga), a large hall, and a courtyard. Built in the Gujarat architectural style, its purpose remains unclear, possibly for protection or religious use. The discovery has sparked further archaeological research.

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गर्भ उपनिषद का विस्तृत परिचय

गर्भ उपनिषद में भ्रूण के गर्भ में आने से लेकर जन्म तक की प्रक्रिया का वर्णन है। इसमें शरीर की रचना, पंचतत्व, त्रिदोष, इंद्रियां, धातु, रस, और गर्भस्थ आत्मा की स्थिति को विस्तार से समझाया गया है। यह उपनिषद वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

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सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषीय उपाय और उनका महत्व

ज्योतिष के अनुसार, मंगल, शनि, राहु और कमजोर चंद्रमा कुछ महत्वपूर्ण भावों में स्थित होकर जीवन में संकट उत्पन्न कर सकते हैं। मंगल दोष से बचने के लिए दान, पूजा, मंत्र जाप और जीवनशैली में कुछ बदलाव करने की सलाह दी जाती है। भगवान शिव, विष्णु और भैरव की आराधना, विशेष व्रत, अनुष्ठान और सामाजिक कार्यों से नकारात्मक प्रभाव कम किए जा सकते हैं।

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वैदिक ज्योतिष में अष्टम भाव का रहस्य: भय या वरदान?

अष्टम भाव को अक्सर लोग अशुभ मानते हैं क्योंकि यह मृत्यु, हानि और अप्रत्याशित बदलाव से जुड़ा होता है। लेकिन इसकी एक और गहरी परत भी है—यह परिवर्तन, गुप्त धन, विरासत, आध्यात्मिक ज्ञान और रहस्यमयी शक्तियों का भाव भी है। अष्टम भाव: भय और सौभाग्य का द्वंद्व अष्टम भाव से डर क्यों लगता है? अष्टम भाव के सकारात्मक पक्ष यह गुप्त धन, विरासत और अप्रत्याशित वित्तीय लाभ का कारक है। अष्टम भाव से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण योग और उनके प्रभाव नकारात्मक योग (यदि अष्टम भाव पीड़ित हो) सकारात्मक योग (यदि अष्टम भाव शुभ स्थिति में हो) धन, करियर और छिपे खजाने से जुड़े शुभ योग गुप्त ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति से जुड़े शुभ योग निष्कर्ष अष्टम भाव केवल मृत्यु का भाव नहीं, बल्कि पुनर्जन्म और रूपांतरण का भी भाव है। इसलिए, अष्टम भाव को सिर्फ भय से नहीं, बल्कि उसके छिपे हुए रहस्यों और संभावनाओं से भी देखना चाहिए।

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वैदिक ज्योतिष में किस लग्न का शारीरिक बल सबसे अधिक है?

वैदिक ज्योतिष में मेष लग्न को सबसे अधिक शारीरिक बलशाली माना गया है, जबकि मीन लग्न सबसे कमजोर है। ग्रहों की स्थिति भी शारीरिक ताकत को प्रभावित करती है। प्रत्येक लग्न की अपनी ताकत और विशेषताएं होती हैं, जो उन्हें अद्वितीय बनाती हैं।

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शनि महादशा: एक विस्तृत समझ

शनि महादशा वैदिक ज्योतिष में 19 वर्षों का एक प्रमुख समय होता है, जो अनुशासन, कर्म और परिवर्तन पर केंद्रित है। इस दौरान व्यक्ति जीवन में चुनौतियों, बाधाओं और देरी का सामना करता है, लेकिन ये अनुभव आत्मिक विकास, धैर्य, और दीर्घकालिक स्थिरता की ओर ले जाते हैं। यह समय आत्मनिरीक्षण, ध्यान, और नई योजनाएँ बनाने का होता है। शनि महादशा जीवन के झूठे मूल्यों को तोड़ती है और व्यक्ति को वास्तविकता से जोड़ती है।

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नवमांश कुण्डली क्या काम करती है

नवमांश कुंडली (D9 चार्ट) वैदिक ज्योतिष में राशि कुंडली जितनी ही महत्वपूर्ण है। यह ग्रहों की वास्तविक शक्ति और जीवन की गहराई को उजागर करती है। नवमांश का 7वां भाव और शुक्र ग्रह संबंधों और वैवाहिक जीवन का प्रमुख कारक हैं। वर्गोत्तम ग्रह और शुभ योग जीवन में सकारात्मक परिणाम लाते हैं, जबकि राहु-केतु जैसे अशुभ प्रभाव समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं। नवमांश कुंडली आध्यात्मिक प्रगति, भाग्य, और जीवन के वादों को समझने में सहायक है।

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