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सास के साथ रिश्तों में सुधार

यह लेख सास से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए विभिन्न ज्योतिषीय मंत्रों और उपायों का वर्णन करता है। इसमें सास के व्यवहार को सुधारने, वशीकरण मंत्रों से सास को नियंत्रित करने और पति का प्यार वापस पाने के उपाय बताए गए हैं। पति का ध्यान आकर्षित करने और वैवाहिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भी सुझाव दिए गए हैं।

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ज्योतिष के माध्यम से अपनी किस्मत का ताला खोलें

ज्योतिषीय और प्रतीकात्मक विधियों के माध्यम से आप अपने जीवन में किस्मत और समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं। इन अनुष्ठानों को सही समय और ग्रहों की ऊर्जा के साथ मिलाकर करने से आपको सफलता और सौभाग्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

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Astrological Remedies for Male Vitality and Childbirth: Overcoming Obstacles to Parenthood

This article explores astrological remedies for improving male vitality and overcoming obstacles to childbirth. It covers remedies from the Lal Kitab, chanting the Venus Beej Mantra, and wearing the Firoza gemstone. It also discusses the importance of ancestors’ blessings and various rituals such as serving a red cow or uprooting the Madar tree to increase the chances of conception.

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ज्योतिष एवं यंत्र: महत्व और उपयोग

ज्योतिषीय यंत्र पांच तत्वों पर आधारित होते हैं, जो ब्रह्मांडीय शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन यंत्रों का सही प्रकार से अभिमंत्रण और पूजा करने से साधक को उन शक्तियों की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के कष्टों से मुक्ति और मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।

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संतान प्राप्ति में बाधा: ग्रहों का प्रभाव और उपाय

संतान प्राप्ति में देरी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें ज्योतिषीय कारक प्रमुख हैं। कुंडली में शनि, बृहस्पति और पंचम भाव का प्रभाव संतान सुख में बाधा डाल सकता है। राशि अनुसार विभिन्न उपायों को अपनाकर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।

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व्‍यापार में सफलता के लिए वास्‍तु टिप्‍स

वास्‍तु शास्त्र के अनुसार व्यापार स्थल को सही दिशा और संरचना में रखने से व्यवसाय में सकारात्मक ऊर्जा आती है, जो सफलता और लाभ सुनिश्चित करती है।

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अस्त ग्रह: कारण, प्रभाव और निवारण

ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली का विश्लेषण बिना अस्त ग्रहों के अध्ययन के अधूरा माना जाता है। ग्रहों के अस्त होने से उनकी शक्ति कमजोर हो जाती है, और उनकी क्षमता में कमी आ जाती है, जिससे कुंडली धारक के जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।

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पितृ दोष: कारण और निवारण उपाय

भारतीय ज्योतिष में पितृ दोष का महत्व अत्यधिक है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों की आत्माएं अशांत होती हैं या उनके लिए आवश्यक अनुष्ठान नहीं किए जाते। इस कारण से व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे पारिवारिक समस्याएं, स्वास्थ्य संकट, और वित्तीय अस्थिरता।

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