सुंदरकांड के 25वें दोहे में छिपा दिव्य रहस्य: 49 मरुतों का रहस्य

जब हनुमानजी ने लंका को अग्नि के हवाले किया, उस समय 49 मरुतों (पवनों) ने एक साथ चलना शुरू कर दिया। वे हँसते हुए आकाश की ओर उठे और गर्जना कर विशाल रूप धारण कर लिया।

यह केवल एक काव्यात्मक कल्पना नहीं है, बल्कि वेदों और शास्त्रों पर आधारित गूढ़ वैदिक ज्ञान है।

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हनुमान चालीसा को सिद्ध करने की सही विधि: अर्थ सहित जप से मिलेगा सच्चा लाभ

हनुमान चालीसा का पाठ केवल शाब्दिक उच्चारण नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है जिसे अर्थ सहित और भावपूर्वक जप करने से ही सिद्धि प्राप्त होती है। जब साधक प्रत्येक चौपाई के अर्थ को समझते हुए मन, वचन और कर्म की पवित्रता के साथ इसका जाप करता है, तभी वह हनुमान जी की कृपा का पात्र बनता है।

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परीक्षा में पास कैसे हों: एक सम्पूर्ण मार्गदर्शिका

परीक्षा में सफल होने के लिए केवल मेहनत ही नहीं, सही रणनीति, नियमित अभ्यास, मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास भी जरूरी है। यह लेख विद्यार्थियों को एक व्यवस्थित और प्रभावी मार्गदर्शन प्रदान करता है ताकि वे न केवल परीक्षा पास कर सकें, बल्कि उत्कृष्ट अंक भी प्राप्त कर सकें।

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पितृ दोष क्या है और कुंडली में यह कैसे पहचाना जाता है? जानें कि आपके जीवन में पितृ दोष है या नहीं

पितृ दोष एक ज्योतिषीय दोष है जो तब बनता है जब सूर्य पर राहु, शनि या केतु का प्रभाव पड़ता है। यह दोष पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं, अनुचित कर्मों या संस्कारों के कारण बनता है और इससे जीवन में विवाह, संतान, नौकरी व मानसिक शांति में बाधाएं आती हैं। यह दोष पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है। अमावस्या को तर्पण, पीपल पूजा, गरीबों को भोजन और भगवद्गीता पाठ जैसे उपायों से पितृ दोष की शांति की जाती है।

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कर्ण पिशाचिनी – एक अनोखी साधना

कर्ण पिशाचिनी एक अत्यंत गोपनीय तांत्रिक साधना है, जिसमें साधक पिशाचिनी आत्मा को मंत्र द्वारा वश में कर, कान में उत्तर प्राप्त करता है। यह साधना केवल सिद्ध गुरुओं के निर्देशन में ही की जा सकती है। स्वयं प्रयास करने से गंभीर मानसिक और आध्यात्मिक दुष्परिणाम संभव हैं।

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श्री नारायणाक्षी साधना: जीवन की सम्पूर्ण सकारात्मकता का मार्ग

“श्री नारायणाक्षी साधना” एक दिव्य, प्रभावशाली और दुर्लभ साधना है, जिसे एक बार सिद्ध कर लेने से व्यक्ति अपने समस्त जीवन कष्टों, रोगों, शत्रुओं, मानसिक विकारों से मुक्ति पाकर, ऐश्वर्य, यश, स्वास्थ्य और आत्मिक चेतना की ऊँचाईयों को प्राप्त कर सकता है। यह साधना प्राचीन ऋषियों, पांडवों और सिद्ध लामाओं द्वारा सिद्ध की गई है और आज भी अपनी सिद्धि के लिए प्रसिद्ध है।

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हिन्दू नववर्ष संवत्सर : एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्व

**हिन्दू नव वर्ष (संवत्सर)** भारतीय संस्कृति और परंपराओं का जीवंत प्रतीक है। यह पर्व न केवल खगोलीय गणनाओं से जुड़ा है, बल्कि मनुष्य के भीतर नव चेतना और नई शुरुआत का संदेश भी देता है। विविधता में एकता, आत्मिक शांति और सामाजिक समरसता का यह पर्व हमें नयी प्रेरणा प्रदान करता है।

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Discovery of a Three-Story Structure Beneath Somnath Temple

In 2020, GPR technology revealed a hidden three-story structure beneath Somnath Temple. The L-shaped structure, dating back to the 11th century, features two temples (Shiva and Durga), a large hall, and a courtyard. Built in the Gujarat architectural style, its purpose remains unclear, possibly for protection or religious use. The discovery has sparked further archaeological research.

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गर्भ उपनिषद का विस्तृत परिचय

गर्भ उपनिषद में भ्रूण के गर्भ में आने से लेकर जन्म तक की प्रक्रिया का वर्णन है। इसमें शरीर की रचना, पंचतत्व, त्रिदोष, इंद्रियां, धातु, रस, और गर्भस्थ आत्मा की स्थिति को विस्तार से समझाया गया है। यह उपनिषद वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

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वैदिक ज्योतिष में भगवान शिव

भगवान शिव वैदिक ज्योतिष में समय, प्रकाश, और परिवर्तन के प्रतीक हैं। ग्रहों, नक्षत्रों और चंद्र नोड्स से उनका संबंध उनकी बहुमुखी ऊर्जा और गहन ज्योतिषीय महत्व को दर्शाता है। शिव की ऊर्जा को समझना किसी की कुंडली और जीवन के आध्यात्मिक रहस्यों को जानने का मार्ग है।

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