महादशाएं और नौकरी, व्यवसाय या करियर में सफलता – भारतीय ज्योतिष अनुसार


करियर, व्यवसाय और नौकरी के लिए महत्त्वपूर्ण भाव:

  • 2रा भाव: धन, आय का स्रोत, बचत।
  • 6ठा भाव: सेवा, नौकरी, संघर्ष।
  • 8वां भाव: पार्टनर से आय, अचानक लाभ।
  • 10वां भाव: करियर, प्रोफेशन, सामाजिक स्थिति।
  • 11वां भाव: अतिरिक्त आय, व्यवसाय, लाभ।

विशेष ग्रह:

  • शनि: स्वाभाविक रूप से 10वें भाव का कारक।
  • गुरु (बृहस्पति): 2, 5 और 11वें भाव का नैसर्गिक कारक।

महादशा और करियर संबंधी प्रभाव:

  1. 10वें भाव के स्वामी की महादशा/अंतर्दशा:
    • यह सबसे स्पष्ट संकेत होता है कि कार्य में परिवर्तन या प्रगति होगी।
    • जैसे अगर शुक्र 10वें भाव में तुला राशि में है और उसकी महादशा चल रही है, तो सफलता की संभावना बढ़ती है।
  2. शनि की महादशा:
    • शनि की स्थिति के अनुसार परिणाम बदलते हैं।
    • कमजोर शनि (जैसे 6ठे भाव में नीच) मेहनत तो कराएगा पर कम आय होगी।
    • मजबूत शनि (स्वराशि या उच्च राशि) अच्छी आय और संतुष्टि देता है।
  3. गुरु की महादशा:
    • अगर गुरु केतु के साथ है और बहुत निकट डिग्री में है, तो आर्थिक लाभ कम हो सकते हैं।
    • फिर भी गुरु की स्थिति और उसके स्वामी का भाव देखना जरूरी होता है।
  4. 6ठे भाव के स्वामी और वहां स्थित ग्रहों की दशा:
    • राहु यदि 6ठे भाव में है तो इसकी दशा शुभ होती है।
    • चंद्रमा अगर 6ठे भाव में है तो तनाव की संभावना अधिक होती है।
  5. 11वें भाव के स्वामी और ग्रहों की दशा:
    • ये दशाएं आम तौर पर लाभकारी होती हैं और धन वृद्धि का योग बनाती हैं।
  6. शनि और गुरु का गोचर (ट्रांजिट) 10वें भाव में:
    • जब ये ग्रह 10वें भाव में गोचर करते हैं, तब नौकरी में परिवर्तन या उन्नति की संभावनाएं बनती हैं।
  7. 2वें और 11वें भाव की महादशाएं:
    • यदि कोई ग्रह 2वें का स्वामी होकर 11वें में स्थित है या इसके उलट, तो यह अत्यंत शुभ होता है।
    • उदाहरण: मंगल की महादशा जिसमें वह 11वें भाव में हो और 2वें का स्वामी हो।


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