श्री नारायणाक्षी साधना: जीवन की सम्पूर्ण सकारात्मकता का मार्ग
साधना का उद्देश्य और प्रभाव
यह साधना मानव जीवन की उन सभी बाधाओं को जड़ से मिटा देती है, जो उसे मानसिक, शारीरिक, आर्थिक या सामाजिक रूप से पीछे करती हैं।
- दरिद्रता, रोग, भय, मुकदमे जैसी समस्याएं समाप्त होती हैं।
- काम, क्रोध, मोह, प्रमाद जैसे मानसिक विकार पूर्णतः नष्ट हो जाते हैं।
- व्यक्ति धन, शांति, सफलता और आत्मबल से परिपूर्ण हो जाता है।
इतिहास और उदाहरण
- प्रहलाद ने इस साधना को कर तीनों लोकों पर अधिकार पाया।
- पांडवों को महाभारत जैसे महासंग्राम में विजय में इसका सहयोग मिला।
- तिब्बती लामा औलम्मा ने इसे सर्वोच्च साधना बताया।
सिद्धि प्राप्त होने के बाद होने वाले लाभ
- लक्ष्मी का वास: आर्थिक समृद्धि और जीवन में धन का सतत प्रवाह।
- शत्रु नाश: मुकदमों में जीत और जीवन में बाधक शक्तियों का नाश।
- रोगों से मुक्ति: गम्भीर से गम्भीर रोगों से छुटकारा।
- मानसिक निर्मलता: सभी मानसिक दोषों का अंत और मानसिक शांति की प्राप्ति।
- सम्मोहन शक्ति: व्यक्ति के अंदर चुम्बकीय आकर्षण उत्पन्न होता है।
- भविष्य ज्ञान: दिव्य दृष्टि के माध्यम से आने वाले समय का आभास।
- सामाजिक सफलता: यश, मान, प्रेम और प्रतिष्ठा सहज ही प्राप्त होती है।
साधना विधान
उपयुक्त तिथि:
- अनंत चतुर्दशी या गुरुवार रात्रि
सामग्री:
- नारायणाक्षी यंत्र, लोचन, नारायणाक्षी माला, सफेद वस्त्र, सफेद आसन, कुमकुम
विधि:
- रात्रि 10 बजे स्नान कर, सफेद वस्त्र पहनकर उत्तर दिशा की ओर मुख करें।
- बाजोट पर सफेद वस्त्र बिछाकर कुमकुम से आंख का चिन्ह बनाएं और उस पर यंत्र स्थापित करें।
- यंत्र का पंचोपचार पूजन करें।
- नारायण का ध्यान करें –
ध्यान मंत्र:
करुणापरायणपदं श्रुति शास्त्रसारं,
ध्यायामि सत्यार्थं, परं प्रसन्नं।
तं चिन्तयामि सततं भवरोग वैद्यम्,
नमोऽस्तु नारायण देव देवम्।। - यंत्र पर ‘लोचन’ अर्पित कर मनोकामना कहें।
- मंत्र जप (21 माला):
।। ॐ ह्रीं नमो नारायणाय अनन्ताय श्रीं ऊँ नमः ।। - साधना पूर्ण होने के बाद यंत्र, माला व लोचन को विष्णु मंदिर या किसी पवित्र जलाशय में अर्पित करें।
यह साधना केवल साधारण जीवन में बदलाव नहीं लाती, बल्कि साधक के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक जीवन को पूर्ण रूप से रूपांतरित कर देती है। “श्री नारायणाक्षी साधना” वास्तव में जीवन को पूर्णता की ओर अग्रसर करने वाली एक अत्यंत शक्तिशाली आध्यात्मिक प्रक्रिया है।