आठवें भावेश (अष्टमेश) के प्रत्येक भाव में फल का विस्तृत हिंदी में सरल विवरण

अष्टमेश का विभिन्न भावों में स्थित होना जीवन में गहरे परिवर्तन, गूढ़ विषयों की रुचि और छिपे हुए अवसरों को दर्शाता है। प्रथम भाव में रहस्यमय व्यक्तित्व, द्वितीय में अचानक धन और विरासत, तृतीय में शोध प्रवृत्ति, चतुर्थ में पैतृक संपत्ति, पंचम में सृजनात्मक गहराई, षष्ठ में स्वास्थ्य और विवाद की चुनौतियाँ, सप्तम में रिश्तों में गहन परिवर्तन, अष्टम में गूढ़ साधनाएँ, नवम में धार्मिक रूपांतरण, दशम में पेशेवर बदलाव, एकादश में लाभ और द्वादश में आध्यात्मिक एकांत और मोक्ष की ओर झुकाव प्रकट होते हैं।

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दशम भाव में ग्रहों के अनुसार करियर की संभावनाएं

दशम भाव (10th House) में स्थित ग्रह जातक के करियर की दिशा तय करते हैं। सूर्य प्रशासन, चंद्रमा सेवा व कृषि, मंगल पुलिस या इंजीनियरिंग, बुध शिक्षा व लेखन, गुरु अध्यापन व धर्म, शुक्र कला-संगीत, शनि मेहनत व निर्माण, राहु रहस्य व विदेश, और केतु आध्यात्मिक व अनुसंधान से जुड़े कार्य प्रदान करते हैं।

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वेदिक ज्योतिष में बृहस्पति (गुरु) के 12 भावों में प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति (गुरु) को ज्ञान, सौभाग्य और अध्यात्म का प्रतीक माना जाता है। इसकी कुंडली में 12 भावों में स्थिति जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव डालती है, जैसे स्वास्थ्य, विवाह, शिक्षा, करियर आदि। उदाहरण के लिए, पहले भाव में गुरु शुभ स्वास्थ्य और सम्मान देता है, जबकि दसवें भाव में यह करियर में सफलता लाता है। केपी ज्योतिष के अनुसार, गुरु की महादशा, अंतरदशा और उप-अंतरदशा में वह उन भावों के फल देता है जिनका वह कारक होता है। यह फल कुंडली की स्थिति के अनुसार व्यक्ति विशेष के जीवन में घटित होते हैं।

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महादशाएं और नौकरी, व्यवसाय या करियर में सफलता – भारतीय ज्योतिष अनुसार

भारतीय ज्योतिष में करियर, नौकरी और व्यवसाय के लिए विशेष ग्रह, भाव और महादशाएं जिम्मेदार होती हैं। 10वें, 6ठे, 2रे और 11वें भाव के स्वामी और उनमें स्थित ग्रहों की महादशाएं कार्यक्षेत्र में परिवर्तन और सफलता का संकेत देती हैं। शनि, गुरु और उनके संबंधी भाव विशेष रूप से विश्लेषण के योग्य होते हैं। सही महादशा के दौरान योग बनने से नई नौकरी, पदोन्नति या आर्थिक लाभ संभव होता है।

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राजयोग (Raja Yoga) – सफलता और समृद्धि देने वाला विशेष ज्योतिषीय योग

राजयोग एक विशेष ज्योतिषीय योग है, जो व्यक्ति को उच्च पद, प्रतिष्ठा, धन और सफलता प्रदान करता है। यह केंद्र और त्रिकोण भावों के शुभ ग्रहों के मेल से बनता है। प्रमुख राजयोगों में गजकेसरी योग, पंच महापुरुष योग, बुधादित्य योग और लक्ष्मी योग शामिल हैं। मजबूत राजयोग व्यक्ति को प्रशासन, राजनीति और व्यापार में सफलता दिलाता है, जबकि कमजोर योग संघर्ष बढ़ा सकता है। कुंडली का विश्लेषण कर उचित उपाय किए जा सकते हैं।

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वैदिक ज्योतिष में अष्टम भाव का रहस्य: भय या वरदान?

अष्टम भाव को अक्सर लोग अशुभ मानते हैं क्योंकि यह मृत्यु, हानि और अप्रत्याशित बदलाव से जुड़ा होता है। लेकिन इसकी एक और गहरी परत भी है—यह परिवर्तन, गुप्त धन, विरासत, आध्यात्मिक ज्ञान और रहस्यमयी शक्तियों का भाव भी है। अष्टम भाव: भय और सौभाग्य का द्वंद्व अष्टम भाव से डर क्यों लगता है? अष्टम भाव के सकारात्मक पक्ष यह गुप्त धन, विरासत और अप्रत्याशित वित्तीय लाभ का कारक है। अष्टम भाव से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण योग और उनके प्रभाव नकारात्मक योग (यदि अष्टम भाव पीड़ित हो) सकारात्मक योग (यदि अष्टम भाव शुभ स्थिति में हो) धन, करियर और छिपे खजाने से जुड़े शुभ योग गुप्त ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति से जुड़े शुभ योग निष्कर्ष अष्टम भाव केवल मृत्यु का भाव नहीं, बल्कि पुनर्जन्म और रूपांतरण का भी भाव है। इसलिए, अष्टम भाव को सिर्फ भय से नहीं, बल्कि उसके छिपे हुए रहस्यों और संभावनाओं से भी देखना चाहिए।

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ज्योतिष में विभिन्न घरों में सूर्य: प्रभाव और महत्व

सूर्य ज्योतिष में महत्वपूर्ण ग्रह है, जो विभिन्न घरों में व्यक्ति के व्यक्तित्व, करियर और संबंधों को प्रभावित करता है। प्रत्येक घर की अपनी विशेषताएँ होती हैं, जो व्यक्ति के अनुभवों को आकार देती हैं।

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