पितृ दोष क्या है और कुंडली में यह कैसे पहचाना जाता है? जानें कि आपके जीवन में पितृ दोष है या नहीं

पितृ दोष एक ज्योतिषीय दोष है जो तब बनता है जब सूर्य पर राहु, शनि या केतु का प्रभाव पड़ता है। यह दोष पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं, अनुचित कर्मों या संस्कारों के कारण बनता है और इससे जीवन में विवाह, संतान, नौकरी व मानसिक शांति में बाधाएं आती हैं। यह दोष पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है। अमावस्या को तर्पण, पीपल पूजा, गरीबों को भोजन और भगवद्गीता पाठ जैसे उपायों से पितृ दोष की शांति की जाती है।

Read More

सूर्य की कुंडली में कमजोरी और उपाय

कुंडली में कमजोर सूर्य का प्रभाव स्वास्थ्य, संबंध, और प्रतिष्ठा पर पड़ता है। सूर्य देव की आराधना, आदित्य हृदय स्तोत्र, सूर्य नमस्कार, और पितृ दोष निवारण के उपाय, सूर्य को मजबूत करने और जीवन में सफलता, समृद्धि, और संतुलन लाने में सहायक होते हैं।

Read More

पितृ दोष: पूर्वजों का शाप या कर्म ऋण?

पितृ दोष का अर्थ है पूर्वजों के बुरे कर्मों का ऋण, जिसे वंशजों को चुकाना पड़ता है। इसे शाप नहीं समझना चाहिए। यह परिवार के कर्मों के संतुलन का एक हिस्सा है, जिसे अच्छे कर्मों और धार्मिक अनुष्ठानों से ठीक किया जा सकता है।

Read More

पितृ दोष: कारण और निवारण उपाय

भारतीय ज्योतिष में पितृ दोष का महत्व अत्यधिक है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब पूर्वजों की आत्माएं अशांत होती हैं या उनके लिए आवश्यक अनुष्ठान नहीं किए जाते। इस कारण से व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे पारिवारिक समस्याएं, स्वास्थ्य संकट, और वित्तीय अस्थिरता।

Read More