
नवम भाव में ग्रहों के प्रभाव – विस्तृत विश्लेषण
नवम भाव वैदिक ज्योतिष में धर्म त्रिकोण का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है। यह भाव हमारे पूर्व जन्मों के पुण्य (पूर्व पुण्य)* को दर्शाता है और यह तय करता है कि इस जीवन में हमें कितना सौभाग्य और सफलता प्राप्त होगी। यह धर्म, धार्मिक विश्वास, उच्च शिक्षा, दर्शन, लंबी यात्राएँ, गुरुजन और पिता के उपदेशों का भी प्रतिनिधित्व करता है। ज्योतिष, आध्यात्मिकता या किसी भी दिव्य ज्ञान के लिए मजबूत नवम भाव अत्यंत आवश्यक है। अब जानते हैं नवम भाव में विभिन्न ग्रहों के प्रभाव – —सूर्य (Sun) * यह स्थान विदेश यात्रा और वहाँ सम्मान प्राप्त करने के लिए अच्छा माना जाता है। * व्यक्ति को धर्म, दर्शन और विदेशी संस्कृति में रुचि होती है। * शिक्षा अच्छी मिलती है और गुरुजनों से सम्मान प्राप्त होता है। * यदि सूर्य पीड़ित हो तो पिता या गुरु से विवाद संभव। — चंद्रमा (Moon) * यदि चंद्रमा शुक्ल पक्ष और अप्रभावित हो तो यह बहुत शुभ फल देता है। * माँ से गहरा लगाव और उनसे लाभ प्राप्ति। * व्यक्ति भावुक, धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति का होता है। * उच्च शिक्षा में कुछ उतार-चढ़ाव संभव। * लंबी यात्राओं का शौक और यात्रा के दौरान कल्पनाशील विचार आते हैं। — बुध (Mercury) * यह स्थान बुद्धिमत्ता और जिज्ञासा को बढ़ाता है। * विदेशी संस्कृतियों को जानने की जिज्ञासा और विदेशियों से मित्रता का शौक। * व्यक्ति तार्किक, संवाद-कुशल और व्यापारिक दृष्टिकोण वाला होता है। * शिक्षा और ज्ञान में विशेष रुचि। शुक्र (Venus) * व्यक्ति प्रेमपूर्ण, रचनात्मक, कलात्मक और दयालु स्वभाव का होता है। * विदेशी संस्कृति में रुचि और विदेशियों से संबंध या मित्रता की संभावना। * धर्म और दर्शन में गहरी रुचि। * कला और रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता। मंगल (Mars) * व्यक्ति में ऊर्जा, साहस और नेतृत्व क्षमता प्रबल होती है। * भाई-बहनों की संख्या अधिक हो सकती है। * जल्दबाजी और अधीरता की प्रवृत्ति भी रहती है। * निर्णय लेने में कभी-कभी अस्थिरता आ सकती है। — बृहस्पति (Jupiter) * यह अत्यंत शुभ स्थिति मानी जाती है। * व्यक्ति धार्मिक, संस्कारी, शांत और आध्यात्मिक ज्ञान का सम्मान करने वाला होता है। * पिता से शिक्षा और मार्गदर्शन प्राप्त होता है। * स्वयं भी अच्छे शिक्षक बन सकते हैं। * यात्राओं के दौरान नए अनुभव और ज्ञान की प्राप्ति। — शनि (Saturn) * व्यक्ति न्यायप्रिय, धार्मिक और सत्य के पक्ष में खड़ा रहने वाला होता है। * उच्च शिक्षा में विलंब या बाधाएँ आ सकती हैं, परंतु मेहनत से सफलता मिलती है। * पिता से संबंध कुछ ठंडे रह सकते हैं। — राहु (Rahu) * विदेशों की संस्कृति, दर्शन और विदेशी लोगों में गहरी रुचि। * व्यक्ति जिद्दी स्वभाव का हो सकता है और अपने विश्वासों पर अडिग रहता है। * शोध कार्यों में रुचि। * धार्मिक आचरण में कमी या असामान्य दृष्टिकोण हो सकता है। — केतु (Ketu) * यह स्थिति व्यक्ति को ईमानदार, धार्मिक और ईश्वर-भक्त बनाती है। * आध्यात्मिकता और शोध कार्यों में गहरी रुचि। * विदेश यात्रा की संभावना और सम्मान व धन की प्राप्ति।