आठवें भावेश (अष्टमेश) के प्रत्येक भाव में फल का विस्तृत हिंदी में सरल विवरण

अष्टमेश का विभिन्न भावों में स्थित होना जीवन में गहरे परिवर्तन, गूढ़ विषयों की रुचि और छिपे हुए अवसरों को दर्शाता है। प्रथम भाव में रहस्यमय व्यक्तित्व, द्वितीय में अचानक धन और विरासत, तृतीय में शोध प्रवृत्ति, चतुर्थ में पैतृक संपत्ति, पंचम में सृजनात्मक गहराई, षष्ठ में स्वास्थ्य और विवाद की चुनौतियाँ, सप्तम में रिश्तों में गहन परिवर्तन, अष्टम में गूढ़ साधनाएँ, नवम में धार्मिक रूपांतरण, दशम में पेशेवर बदलाव, एकादश में लाभ और द्वादश में आध्यात्मिक एकांत और मोक्ष की ओर झुकाव प्रकट होते हैं।

Read More

बारहवें भाव में शुक्र: क्यों माना जाता है इसे एक शक्तिशाली और लाभकारी स्थिति?

बारहवें भाव में शुक्र एक गहरी, रहस्यमयी और आध्यात्मिक स्थिति मानी जाती है। यह प्रेम, रिश्तों, आर्थिक लाभ और आत्मिक विकास को प्रभावित करता है। यह स्थान व्यक्ति को भावनात्मक गहराई, रचनात्मकता और दया के माध्यम से जीवन में संतुलन व शांति की ओर प्रेरित करता है, हालांकि इसे आत्म-मूल्य, सीमाएं तय करने और आदर्शवाद जैसी चुनौतियाँ भी देती हैं।

Read More